कोरोना मरीजों का इलाज मेडिसिन व प्लाज्मा थेरेपी दोनों से, ट्रायल करेगा केजीएमयू

लखनऊ। कोरोना से सं​क्रमितों का अब इलाज मेडिसिन व प्लाज्मा थेरेपी इन दोनो से होगा। केजीएमयू अब प्लाज्मा थेरेपी पर क्लीनिकल ट्रायल करेगा। यहां के भर्ती कोरोना मरीजों का इलाज मेडिसिन व प्लाज्मा थेरेपी दोनों से होगा। इसके बाद बीमारी पर प्रभाव का आंकलन कर रिपोर्ट आइसीएमआर को भेजी जाएगी। इसकी अनुमति प्रदान कर दी गई है। केजीएमयू डीन रिसर्च सेल प्रो. आरके गर्ग के मुताबिक इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी दे दी है।


केजीएमयू की एथिकल कमेटी जल्द ही ट्रायल की संस्तुति देगी। इसमें संस्थान के डॉक्टर तय संख्या में मरीजों का दो तरह से इलाज करेंगे। वार्ड में भर्ती कुछ मरीजों पर दवा से इलाज किया जाएगा, वहीं समान संख्या में प्लाज्मा थेरेपी दी जाएगी। इस दौरान मरीज में दवा व प्लाज्मा थेरेपी के परिणाम का आंकलन करेंगे। अध्ययन आइसीएमआर की गाइडलाइन के आधार पर होगा। एथिकल कमेटी क्लीनिकल ट्रॉयल की मॉनिटरिंग करेगी, साथ ही रिपोर्ट तैयार को आइसीएमआर को भेजेगी। वहीं यह अध्ययन वैक्सीनेशन की दिशा में वैज्ञानिक संस्थानों के साथ किए गए करार में भी काम आएगा।

मरीज को प्लाज्मा थेरेपी देने से पहले मरीज या उसके परिवारजन से सहमति लेना अनिवार्य है। इसके लिए एक प्रोफॉर्मा तैयार किया जाएगा। बिना सहमति मरीज को प्लाज्मा थेरेपी डायरेक्ट नहीं दी जा सकती है। यह तय गाइड लाइन का उल्ल्ंघन होगा। इसमें कार्रवाई का भी प्रावधान है।

प्लाज्मा थेरेपी के क्लीनिकल ट्रायल पर आइसीएमआर ने प्रोटोकॉल तय किया है। यह किस मरीज में किस अवस्था में दिया जाना है। प्लाज्मादान करने वाले सर्वाइवर में कोरोना निगेटिव होने की अवधि क्या रही है। इन सभी नियमों का पालन तय प्रोटोकॉल के अनुसार करना होगा। वहीं ड्रग कंट्रोलर से भी अनुमति मिल चुकी है।

केजीएमयू में उरई के कोरोना पॉजिटिव चिकित्सक भर्ती हैं। इन्हेंं दो बार प्लाज्मा थेरेपी दी गई। मरीज को दो-दो सौ एमएल की डोज दी गई। चिकित्सा विशेषज्ञों की मुताबिक हालत में मरीज के सुधार है। मगर, मरीज वेेंटिलेटर पर ही अभी है। 

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