लखनऊ : पति एवं ससुराल वालों के उत्पीड़न से पीड़ित महिला व उसके परिवार वालों की तो आसानी से हर जगह सुनवाई हो जाती है. वहीं महिलाओं से संबंधित अपराध व उन्हे परेशान करने के मामले में सख्त कानून भी हैं, पर पत्नी व उसके परिजनों से पीड़ित पति व उसके घरवाले अपनी व्यथा लेकर किसके पास जाएं ?
उसकी जल्दी कहीं सुनवाई ही नहीं होती. ऐसे ही एक गंभीर मामले में न्याय की आस लगाए पीड़ित मोहम्मद इस्लाम की जान तक चली गई. इसके बाद भी उसके परिवार की न तो कहीं सुनवाई हो रही है और न ही अभी तक न्याय मिला है.
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